हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित खैरी गाँव का शिव मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की प्राचीनता और महत्व के कारण यहां पर दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। हाल ही में इस मंदिर में घटित एक अद्भुत घटना ने इसे और भी चर्चित बना दिया है।
अग्नि तपस्या और नागा साध्वी मीरा गिरि जी
शिवधाम खैरी मानव कल्याण समिति के तत्वावधान में इस मंदिर में नागा साध्वी मीरा गिरि जी द्वारा अग्नि तपस्या की जा रही थी। यह तपस्या साधना का एक अत्यंत कठिन और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें साधक अग्नि के मध्य बैठकर तप करता है। इस वर्ष, यह तपस्या अपने 20वें दिन पर थी, जब कुछ असाधारण हुआ।
शिवलिंग पर नाग देवता का प्रकट होना
20वें दिन, शिवलिंग पर अचानक नाग देवता के दर्शन हुए। श्रद्धालुओं के अनुसार, नाग देवता शिवलिंग का सिंगार बनकर प्रकट हुए। इस दृश्य ने सभी को अचंभित और भक्तिभाव से अभिभूत कर दिया। यह एक ऐसा दृश्य था जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु खींचे चले आए।
मन्दिर निर्माण हेतु अपना सहयोग कमेटी के अकाउंट में देखैरी का यह शिव मंदिर अपने आप में एक प्राचीन धरोहर है। इसके इतिहास के बारे में माना जाता है कि यह मंदिर कई शताब्दियों पुराना है और यहां पर किए गए अनुष्ठानों और तपस्याओं का विशेष महत्व रहा है। लोककथाओं और पुरानी मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से अपनी प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
नाग देवता के प्रकट होने की खबर सुनते ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। हर कोई इस अद्भुत दृश्य को देखने और पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचने लगा। स्थानीय लोगों के अलावा, दूर-दराज से भी भक्तगण यहां पहुंचे। मंदिर में विशेष पूजन और आरती का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
शिवधाम खैरी मानव कल्याण समिति की भूमिका
शिवधाम खैरी मानव कल्याण समिति का इस मंदिर के प्रबंधन और धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान है। समिति ने इस अग्नि तपस्या का आयोजन किया और नागा साध्वी मीरा गिरि जी को इसके लिए आमंत्रित किया। समिति के सदस्यों ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
इस अद्भुत घटना ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अनुभव प्रदान किया। नाग देवता के प्रकट होने को भक्तों ने एक दिव्य संकेत माना और इसे भगवान शिव की कृपा का प्रतीक समझा। मंदिर के पुरोहित और साध्वी मीरा गिरि जी ने इस घटना को अत्यंत महत्वपूर्ण और अलौकिक बताया।
इस घटना ने न केवल भक्तों की आस्था को मजबूत किया बल्कि समाज में आध्यात्मिक जागरूकता भी बढ़ाई। इस तरह की दिव्य घटनाएं लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। खैरी का शिव मंदिर इस घटना के बाद और भी प्रसिद्ध हो गया है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
खैरी, कुरुक्षेत्र का शिव मंदिर एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो भक्तों की आस्था का केंद्र है। नागा साध्वी मीरा गिरि जी की अग्नि तपस्या के दौरान शिवलिंग पर नाग देवता के दर्शन ने इस मंदिर को और भी विशेष बना दिया है। यह घटना न केवल एक अद्भुत अनुभव थी बल्कि इसे भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक माना गया। इस घटना ने इस मंदिर की महत्ता को और बढ़ा दिया है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के विश्वास को और भी मजबूत किया है।